सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गाँधी की हत्या के सभी दोषियों को रिहा करने का दिया आदेश
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- November 11, 2022
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सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गाँधी की हत्या के सभी 6 दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने नलिनी श्रीहरन सहित राजीव गाँधी की हत्या के सभी दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है।
ग़ौरतलब है कि इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस मामले में सातवें दोषी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने कहा कि पेरारिवलन का आदेश अन्य दोषियों पर भी लागू होता है।
कोर्ट ने माना कि तमिलनाडु सरकार ने 2018 में राज्यपाल से दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी।
साल 2000 में नलिनी श्रीहरन की सजा को कम कर के आजीवन कारावास कर दिया गया था। फिर 2014 में मामले में अन्य 6 दोषियों की सजा को भी आजीवन कारावास कर दिया गया था।
इस मामले में नलिनी श्रीहरन के साथ उसका पति मुरुगन, रविचंद्रन, रोबर्ट पेस, जयकुमार और संथन को दोषी पाया गया था।
नलिनी श्रीहरन ने अगस्त में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर समय से पहले रिहाई की मांग की थी। नलिनी ने मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी जिसमे उसकी समय से पहले रिहाई की याचिका को ख़ारिज कर दिया गया था।
मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि पेरारिवलन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 का प्रयोग किया था। क्यूंकि अनुच्छेद 142 की विशेष शक्ति सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को दी गयी है। इसलिए हाई कोर्ट अनुच्छेद 142 के तहत आदेश पारित नहीं कर सकता है।
मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर नलिनी पेरारिवलन मामले के सन्दर्भ में रिहाई की मांग कर रही हैं तो वो सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी श्रीहरन और रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई की मांग वाली याचिका पर 26 सितम्बर को नोटिस जारी कर केंद्र और तमिलनाडु राज्य से जवाब माँगा था।
इसी मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज नलिनी सहित सभी 6 दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है।
21 मई 1991 में राजीव गाँधी की श्रीपेरुम्बुदुर (तमिलनाडु) में चुनावी सभा में एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गयी थी।
हत्या में शामिल सभी सात दोषियों को मौत की सजा दी गयी थी।